हम करें मिलकर नमन
जिसने व्यथित जीवन को
प्रदान किया चैन अमन
कल -कल करती बहती नदी
सरसराता वायु प्रवाह
हरे-भरे पौधों और पर्वतों से
सुसज्जित है हमारी धरा
कहीं पगडण्डी का छोटा किनारा
हर जगह हैं रंग बिखरे हुए
उजले हुए , निखरे हुए
नमन है उसे मिलकर हमारा
जिसने इस धरती को संवारा
इस सुन्दर प्रकृति को
न लगे किसी की नज़र
बचा लो इसे, संभालो इसे
यदि करना है जीवन बसर
आओ मिल कर हम
यही प्रण लें आज
रखेंगे अपनी धरा को संभाल
और बचाएंगे इसकी लाज
Waah! Waah! Waah! waah!
जवाब देंहटाएंeven ur heart is also very sensitive like the Beautiful Nature. Keep it up...