रविवार, 7 नवंबर 2010

इस भारत को कौन और कब देखेगा???

बराक ओबामा भारत की धरती पर आ चुके हैं। ओबामा की भारत यात्रा एक मायने में दोनो देशों के लिए महत्वपूर्ण है। एक तरफ ओबामा आउटसोर्सिंग के खिलाफ हैं तो दूसरी तरफ मनमोहन न्यूक्लियर डील को पूरा करने की कवायद मे लगे हैं , एक तरफ ओबामा अपने देश की लगभग 10 फीसदी बेरोजगार जनता को रोजगार दिलाने आएं हैं तो दूसरी ओर हमारा देश का लगभग आधा हिस्सा गरीबी के पालने मे झूल रहा है ।
                जी हांॅ , यूनाइटेड नेशन्स की मानव विकास रिपोर्ट के अनुसार दक्षिध एशिया मे , पूरे विश्व की आधी सबसे गरीब आबादी रहती है जिनकी संख्या 844 मिलियन  है । भारत मे इस आबादी का 50 फीसदी हिस्सा है यानि 400 मिलियन  से अधिक लोग जो रिपोर्ट के अनुसार भारत के आठ राज्यों मे हैं । ये मल्टीडाइमेन्शल रिपोर्ट है जो घरेलू स्तर पर  शिक्षा , स्वास्थ्य और आय के गिरते स्तर पर विभिन्न देशों का हाल बताती है।
                  बिहार , जहॉं आजकल राजनेता चुनावी बुखार मे उलझे हुए हैं वहॉं गरीबी दर 81% तक पहुॅंच गई है। जनता की सुध लेने को कोई तैयार नही। यहॉं चुनाव लड़ रहे सभी नेताओं के भाड्ढणों में एक बात आम है कि चुनाव के बाद अगर सत्ता में आए तो सब चमका देगें पर फिलहाल ये सभी चुनावी दंगल मे लड़ने की कोई कसर न छोड़ेगे। इसके अलावा राजधानी दिल्ली भी इसी लिस्ट मे है इसके के अलावा राजस्कान , उप्र और मध्यप्रदेश में भी दुनिया के कुल गरीबों का कुछ हिस्सा रहता है इसके साथ ही यह रिपोर्ट बताती है कि भारत मे असमानता भी बढ़ी है। भारत असमानता के इन्डैक्स पर 30% और पीछे हो गया है जिसमें सबसे बड़े दो कारण हैं शिक्षा जिसमें 41 फीसदी की और  दूसरा स्वास्थ्य 31%  और पिछड़ गया है ।
                  वहीे दूसरी रिपोर्ट मे भारत की 5 हस्तियॉं सोनिया गॉंधी , मनमोहन सिंह , रतन टाटा , मुकेश अंबानी , और लक्ष्मी मित्तल इस वड्र्ढ फोब्र्स की सबसे प्रभावशाली लोगों की लिस्ट मे  ‘शामिल हुए हैं । इसमे सोनिया गॉंधी 9वीे और मनमोहन सिंह 18वी रैंक पर हैं। जबकि मुकेश अंबानी ;29 बिलियनद्ध जो पिछले वड्र्ढ 44वें स्थान पर थे इस वड्र्ढ 34वें स्थान पर आ गए हैं । एक तरफ तो भारत गरीबी से पिछड़ रहा है तो दूसरी ओर भारत कंे ये लोग विश्व में सिर्फ अपनी पहचान बनाने की जुगत में लगे हैं । इसके अलावा लक्ष्मी मिततल ;28़7 बिलियनद्ध 44वें स्थान पर और रतन ट,ाटा 61वें स्थान पर रहे। मोटे तोैर पर देखा जाए तो भारत में जितने गरीब हैं;410 मिलियनद्ध उससे कहीं ज्यादा इनके पास सम्पति है ;28़.7बिलियन,29बिलियनद्ध। और प्रभाव तो पद से ही होता है। लेकिन भारत जो असमानता , गरीबी और अशिक्षा की मार झेल रहा है वो तो अंधेरे के गर्त मे फंसता जा रहा है।
                  वैसे मनमोहिनी सरकार आजकल खुश है क्योंकि यह रिपोर्ट ओबामा के आगमन की तैयारियों में छिप सी गई है। मीडियाजगत भी बराक ओबामा के सुबह से उठकर रात के सोने तक हर मिनट की खबर देने की प्रतिस्पर्धा मे अंधा हो गया है। और यूपीए सरकार अपना मैला दामन छिपा रही है ।। इंतजार है कब मीडिया आॅंख खोलेगा? पता नहीं इस भारत को कौन और कब देखेगा?

2 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत बढ़िया..

    यह महज आवाज नहीं है ओबामा....

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  2. Shayad ab ham samasya ko samaz chuke hai ab hame solution ko samazana hoga samasya ka bijnash karne ke liye iske karno ko samazana hoga muze lagata hai ki class capitalism hi hamare desh ke sabhi samasya ki jad hai.

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